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Sunday, November 6, 2011

टीईटी के खिलाफ बीटीसी प्रशिक्षुओं ने खोला मोर्चा

टीईटी के खिलाफ बीटीसी प्रशिक्षुओं ने खोला मोर्चा

बड़ौत (बागपत)। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अधिसूचना जारी होने से पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं ने कोर्ट की शरण में जाने का फैसला किया है। इलाहाबाद, सहारनपुर, मवाना डायटों के प्रशिक्षुओं के बाद बड़ौत डायट के बीटीसी 2010 के प्रशिक्षुओं ने भी कोर्ट में रिट दायर करने मन बनाया है।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक बनने के लिए अनिवार्य की गई टीईटी की बाध्यता समाप्त करने के विरुद्ध माहौल बनना शुरू हो गया है। बुलंदशहर में 16 अक्टूबर को प्रदेश की 20 डायट के प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी। इसमें वक्ताओं ने इस बात पर ऐतराज जताया कि बीटीसी 2004 के प्रशिक्षितों को टीईटी के बगैर विद्यालयों में नियुक्ति दे दी गई, जबकि वह भी अधिसूचना जारी होने के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे।
वक्ताओं ने उत्तरांखंड को प्रतिदर्श मानते हुए प्रदेश में भी अधिसूचना जारी होने से पूर्व शुरू हो चुके प्रशिक्षणों को टीईटी की बाध्यता से समाप्त करने की मांग उठाई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी डायटों के प्रशिक्षु इस संबंध में हाइकोर्ट में रिट दायर करें। इलाहाबाद, सहारनपुर, मवाना डायटों से हाइकोर्ट इलाहाबाद में रिट दायर की जा चुकी है। इसकी सुनवाई नौ नवंबर को होगी।
इसी नक्शे कदम पर चलते हुए बड़ौत डायट के प्रशिक्षुओं ने हाइकोर्ट में रिट दायर करने का निर्णय लिया है। प्रशिक्षु प्रतिनिधि नरेश उज्जवल और मनोज यादव ने बताया कि बुधवार को इस संबंध में रिट दायर कर दी जाएगी।

News source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8429830.html
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