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Tuesday, January 3, 2012

UPTET : Candidates who gave Money to increase Marks in TET Exam are now Worried

टीईटी : रुपया देने वाले परेशान

(UPTET : Candidates who gave Money to increase Marks in TET Exam are now Worried)

गोरखपुर। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में क्वालीफाई करने और अच्छी मेरिट के लिए ढाई से तीन लाख रुपये देने वाले अब परेशान हैं। परीक्षा होने के बाद लगातार पेंच फंसता देख अभ्यर्थी अब रुपया लेने वालों से संपर्क कर रहे हैं। हालांकि वह उन्हें आश्वस्त कर रहे हैं लेकिन साथ में जोड़ भी रहे हैं कि उनका काम हो गया है अब प्रक्रिया में देर हो रही है तो वह कर ही क्या सकते हैं।13 नवंबर 11 को प्रदेश में एक साथ परीक्षा हुई थी। गोरखपुर मंडल में साठ हजार से ज्यादा अभ्यर्थी दोनों पालियों में शामिल हुए थे। इनमें हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पहले ही रुपये दे दिए थे। मंडल में शिक्षा विभाग के अधिकारी और एक व्यापारी ने रुपये वसूले हैं। रिजल्ट घोषित होने के बाद से टीईटी को लेकर रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं।
अब यह तय ही है कि सारी प्रक्रिया विधान सभा चुनाव के बाद ही पूरी होगी। इधर, आगरा के रमाबाई नगर में 87 लाख रुपयों के साथ कुछ शिक्षकों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में पता चला कि रुपये टीईटी के 50 अभ्यर्थियों से वसूले गए हैं और इन्हें लखनऊ में सरगना के पास पहुंचाया जा रहा था। इसकी जानकारी होने के बाद रुपया देने वाले अभ्यर्थी काफी परेशान हैं।
News : Amar Ujala (03.1.12)
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14 comments:

  1. KYO BHAI UPTET TOPER AB TO JAHIR HO GAYA K AAP NE NO. KAISE PAYE,AB TO MAAN JAO K TUM LOGO NE MERIT MAIN AANE K LIYE SORT CUT APNAYA THA.

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  2. भाई साहब कुछ लोगो ने

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  3. AAP NE SAHI KAHA KUCH LOGO NE,LEKIN YE KUCH LOG KYA HAMARE CARIAR SE MAZAK NAHi KAR RAHE

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  4. India me koi aisa exam nahi hota jahan dhandhli nahi hoti,chahe iit .ias,pcs,ya kuch aur,
    ispar itna halla machane ki jarurat nahi hai,sab kuch thik hai aur bharti uptet merit par hi hogi,ye kal basik education department ke ek senior officer ne lucknow me kahi hai,isliye friends tension na lo,all is well

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  5. dosto ye acedamic merit wale kewal PRT me hi kyo acadmic merit ki baat kar rahe hai inko ti chahiye ki IAS, PCS IIT CPMT har jagah acadmic merit ki mang kare lekin yaha dikhi haram ki naukari to machane lage halla .padhai likhai to kabhi ho nahi sakti,inko itna time kaha se mil jata hai,yahi dimag padhai me lagaon

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  6. Ab to koi in qu. ka answer dedo abhi tak kisi ne try v nahi kiya come on acadmic suporters

    Acadmic Suporters meri baat ka jawab do one by one..
    1. Unaka kya jo 2000 se pahle 10th 12th kiya hai jab marks kam milte the???

    2. CBSE, ICSE aur UP Board K marks ko kaise differentiate karoge????

    3. PVT. College aur gov. college se B.ED. Pass ladkon k marks me difference hota hai isaka kya jawab hai? Jabki gov. college k ladke High rankers hote hain entrance exam me?????

    4. Abhi jaanch chal rahi hai to bahut se farzi marksheet k candidate hain aise candidate k liye kya kahoge????

    5. Agar acadmic achha hai to TET qulify kyon nahi hua???? Aap kah sakte ho ki kuchh confusin ho gai ok but donon paper(PRT & Junior Level) me aisa nahi ho sakta isaka matlab hai ki aap k junior level me achchhe marks honge so wait kariye junior level vacancy k liye.

    6. Kya Aapko nahi lagta Ki TET me sabko barabar ka mauka tha????

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  7. abhi kal do ghuskhor teachero per gaaj giri!!! ab farzi karawane wale pratiyogiyo per jaldi gaaz giregi unka v jival chaupat ho jayega!

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  8. 5 saal wait nahi kar sakte jo hona hai abhi ho jai...

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  9. Ye jyada MERIT wale BTC me chale jao.....

    aur ye kahan ka rule ki merit bane aur wo bhi 10th+12th+........

    PRIMARY Education ki ye halat MERIT ne ki hai....

    AATA-JAATA khuch nahi aur MERIT
    280-290....... +

    JYADA HOSHIYAR HO TO TGT, PGT me jao,

    JO MERIT me PRIMARY me job lenge wo hi JUNIOR me bhi.....

    BAAPOTI HAI TUMARI

    BHOOL JAO AUR NEXT TET KI TYAARI KARO



    NAKALCHI.........

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  10. कोनव लरिका कहत है की मेरिट टेट प् बनाओ ...कोनव कहत है की अकेडमिक प् बनाओ...हम तो कहित है की दुनो टाइप के लोगन का इकट्ठा कै के कुस्ती कराय लेव... जे जीते वही के बात मन लेवा जाई......एक कहावत है न लरिका भा न और छट्टी के चाउर कुटाये लाग....चुप चाप फॉर्म डाल के रजैया ले के सुत्तो.....होहिये वही जो राम रची राखा...

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  11. टीईटी अभ्यर्थियों को झटका
    चुनाव आचार संहिता के कारण नहीं हो सकेगी शिक्षकों की तैनाती
    d
    कुलदीप
    इलाहाबाद। चुनाव से पहले प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की उम्मीद में रात-रात भर लाइन में खड़े रहकर फॉर्म जमा करने वालों को जोर का झटका लग सकता है। विधि विशेषज्ञों ने शासन को सलाह दी है कि चुनाव आचार संहिता के कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकती। चयन प्रक्रिया पहले से चल रही है इसलिए उप पर रोक नहीं लगेगी लेकिन जो हालात हैं, जिलों में लिस्ट फाइनल करने में ही चुनाव गुजर जाएगा। दो दिन पहले लखनऊ में डायट और सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों की संयुक्त बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने से पहले नियुक्तियां नहीं हो सकती और तब तक सभी जिलों में चयन की सूची फाइनल न हुई तो आगे का फैसला नई सरकार पर होगा। हालांकि बैठक में चयन प्रक्रिया को लेकर कोई नया फैसला नहीं हुआ।
    अधिकारियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया चलती रहेगी लेकिन परिणाम पर रोक लग सकती है। हालांकि परिणाम निकलने की स्थिति बनेगी, इसी में संदेह है। चयन प्रक्रिया से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश भर में एक करोड़ से अधिक फॉर्म पहुंच चुके हैं और नौ जनवरी तक जाहिर है यह संख्या बढ़ेगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लगभग 15 हजार अभ्यर्थियों ने यूपी बोर्ड में परिणाम संशोधन के लिए आवेदन किया है। इन अभ्यर्थियों के परिणाम सात जनवरी तक जारी हो सकते हैं। ये अभ्यर्थी भी अन्य जिलों से आवेदन करेंगे। अफसरों के मुताबिक ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 40 से 45 जिलों से आवेदन किया है। जिन जिलों में 50 हजार या अधिक फॉर्म पहुंचे, वहां स्क्रूटनी में ही दो हफ्ते से अधिक लग जाएंगे। स्क्रूटनी के बाद उन पर आपत्तियां और उसके संशोधन के लिए वक्त देना होगा। फिर काउंसलिंग में हफ्ते भर से अधिक लग सकते हैं। यानी नौ जनवरी को फॉर्म जमा करने की तिथि खत्म होने के बाद भी स्क्रूटनी होने लगे तो भी वक्त पर पूरा होना मुश्किल है। बैठक में शामिल निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जो हालात बन रहे हैं, नियुक्तियां अटक सकती हैं।
    एक करोड़ से अधिक फॉर्म पहुंचे डायट, स्क्रूटनी में ही लगेंगे हफ्तों
    http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120103a_001174007&ileft=111&itop=887&zoomRatio=183&AN=20120103a_001174007

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  12. पूर्व सैनिकों और विकलांगों को नहीं मिलेगा आरक्षण -
    फतेहपुर। विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की भर्ती में इस बार जिले में विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि अन्य सभी वर्गो को आरक्षण की सुविधा यथावत मिलेगी। जिले में कुल 12 विशिष्ट बीटी शिक्षकों का चयन होना है। इसमें विकलांग, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित एवं पूर्व सैनिक का निर्धारित कोटा सीट कम होने से मानक के लिए अर्ह न्यूनतम अंक सीमा से कम हो रहा है।
    जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने विशिष्ट बीटी के 12 पदों के चयन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। टीईटी परीक्षा उत्तीण करने वालों को विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि नौ जनवरी है। अभी तक ढाई हजार आवेदन फार्म डायट में जमा हो चुके हैं। डायट ने आरक्षण देने के लिए जो फार्मूला तय किया है, उसके तहत जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, पूर्व सैनिक और विकलांगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। फार्मूला के तहत तीन बीसी, दो एससी, एक एसटी, एक शिक्षमित्र और जनरल कोेटे के पांच अभ्यर्थियों को शिक्षक पद पर चयन का मौका मिलेगा। विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया प्रभारी बीरेंद्र सिंह यादव ने बताया जिस वर्ग के आरक्षण में .5 से अधिक हिस्सा आ रहा है, उसके लिए एक सीट आरक्षित की गई है। जिस वर्ग के हिस्से में इससे कम आ रहा है, उसे आरक्षण की सुविधा से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने बताया विकलांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित के लिए .5 से कम हिस्सा आ रहा है। ऐसी हालत में इन तीनों वर्गो के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं की गई है। ऐसी हालत में इन वर्गो को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। आरक्षण का लाभ पिछड़े, अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को ही मिल सकेगा।
    http://compact.amarujala.com/city/3-2-7607.html

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  13. शिक्षामित्रों का नहीं होगा प्रशिक्षण -
    गोरखपुर। शिक्षामित्रों का 30 दिवसीय प्रशिक्षण नहीं होगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी के बजट की मांग को राज्य परियोजना निदेशक ने खारिज कर दिया है। डायट प्राचार्य द्वारा शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग न कराने की जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बजट मांगा था। ट्रेनिंग की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की बताते हुए अधिकारियों ने अपना हाथ खींच लिया है।
    वर्ष 2009 के 148 शिक्षामित्र ट्रेनिंग की आस में कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। शिक्षामित्रों के धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के चलते अधिकारियों ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ के निदेशक को स्थिति से अवगत कराते हुए प्रशिक्षण की मांग की थी।
    बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानंद ने 24 अक्तूबर को राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिख नियुक्ति के बाद प्रशिक्षण की राह देख रहे शिक्षामित्रों की समस्या बताते हुए धन की मांग की थी। राज्य परियोजना निदेशक पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जिले की वार्षिक कार्य योजना 2011-12 में शिक्षामित्रों के 30 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए धनराशि की व्यवस्था न होने और भारत सरकार सरकार से बजट न मिलने की बात करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया जिला स्तर पर होने की बात करते हुए किसी प्रकार की कार्रवाई से इंकार किया है।

    देरी से मिली थी सूची : प्राचार्य
    डायट प्राचार्य जेएन सिंह का कहना है कि 1 अप्रैल 2010 के बाद शिक्षामित्रों की नियुक्ति पर शासन ने रोक लगा दी है। वर्ष 2009 में गोरखपुर जिले में नियुक्ति 148 शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण कराने की सूची 10 अप्रैल 2010 को कार्यालय में मिली। सूची देर से मिलने के कारण प्रशिक्षण के लिए बजट की मांग नहीं हो पाई। बीएसए ऑफिस की देरी के कारण मामला अधर में लटका है।
    http://compact.amarujala.com/city/4-1-15185.html

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