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Thursday, February 23, 2012

Supreme Court /SC : Ramdev & Delhi Police , Both are Guilty

रामदेव और दिल्ली पुलिस, दोनों दोषी: सुप्रीम कोर्ट


(Supreme Court /SC : Ramdev & Delhi Police , Both are Guilty )

नई दिल्ली।। योग गुरु बाबा रामदेव के धरने के दौरान पिछले साल 4 जून की रात रामलीला मैदान में रामदेव के समर्थकों पर लाठीचार्ज किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और रामदेव, दोनों की खिंचाई की। कोर्ट ने आधी रात को लाठीचार्ज की कार्रवाई को गैरकानूनी और गैरजरूरी करार देने के साथ ही बाबा रामदेव को भी लापरवाही का दोषी माना।
सुप्रीम कोर्ट ने लाठीचार्ज में शामिल पुलिस वालों और पुलिस के ऊपर पत्थर फेंकने वाले लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज करने का भी आदेश दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा,'पुलिस की कार्रवाई गलत थी। आधी रात को इतनी हड़बड़ी में मैदान खाली कराने की क्या जरूरत पड़ गई, यह समझ से परे है। पुलिस और राज्य इस हिंसक घटना को टाल सकते थे। दिल्ली पुलिस ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया और लोगों के मूल अधिकार का हनन किया गया। यह घटना राज्य की शक्ति दिखाती है, जिसने लोकतंत्र की नींव पर हमला किया है।'
कोर्ट ने कहा सत्ता में मौजूद लोग और शासित होने वाले लोगों के बीच विश्वास की कमी का यह स्पष्ट उदाहरण है। इसके साथ ही कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव को भी दोषी मानते हुए कहा, 'उन्हें उस समय पुलिस का कहना मानते हुए मैदान खाली कर देना चाहिए था। अगर इसमें कुछ गलत था, तो उसका फैसला हम करते।'

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिसिया कार्रवाई के दौरान घायल होकर दम तोड़ने वाली राजबाला के परिवार वालों को पांच लाख रुपये, जो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे उनको 50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। मुआवजे की राशि रामदेव के ट्रस्ट और दिल्ली पुलिस संयुक्त रूप से देगी। रामदेव के ट्रस्ट को मुआवजे का 25 फीसदी और दिल्ली पुलिस को 75 फीसदी देना होगा।

गृह मंत्रालय के दबाव में थी पुलिस: रामदेव
रामलीला मैदान में हुए लाठीचार्ज के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बाबा रामदेव ने कहा है कि सरकार कदम-कदम पर संविधान और कानून का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस गृह मंत्रालय के दबाव में थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव के साथ ही मौजूद भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पैरवी करने वाले सीनियर वकील राम जेठमलानी ने पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरा सवाल यही है कि उस रात बवाल किसने शुरू किया था? तथ्य यही है कि 4 जून की उस रात जनता रामलीला मैदान में सो रही थी, जब उन पर हमला हुआ। उन्होंने कहा, हम यह जानना चाहते हैं कि गृह मंत्री की क्या भूमिका थी।

फैसले का सम्मान करते हैं: दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को लाठीचार्ज करने का आदेश नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि अगर किसी पुलिस वाले ने ज्यादती की है तो उसकी जांच करवाकर उसे सजा दी जाएगी।

News : Navbharat Times ( 23.2.12)

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केंद्र सरकार के आदेश पर क्रूरता हुई: रामदेव



नई दिल्ली। रामदेव ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार के कहने पर पुलिसवालों ने कार्रवाई की थी। पुलिसवालों ने कहा था वह मजबूर है। सोते हुए लोगों पर पुलिस ने क्रूरता दिखाई। काले धन और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन हमरा अधिकार है।
रामदेव ने कहा कि मैंने शांति की अपील की थी। उन्होंने कहा कि काले धन के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम काला धन वापस लाकर रहेंगे। रामदेव ने कहा कि अगला आंदोलन की घोषणा जल्द करेंगे। रामदेव के वकील जेठमलानी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट नहीं गए और हमने कोई शिकायत नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस घटना में संज्ञान लिया था।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने हड़बड़ी में कार्रवाई की थी। मेरी राय में रामदेव ने यह केस जीत लिया है। मैं यह जानना चाहता हूं कि इस घटना में गृहमंत्री का क्या रोल था। गृहमंत्री को किसी को दिल्ली से बाहर करने का हक किसने दिया। रामदेव काले धन के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। सरकार ने विदेशों से काले धन को लाने के लिए कुछ नहीं किया। सरकार ने काला धन जमा करने वालों का नाम नहीं बताए। इस फैसले के बाद जिम्मेदार लोगों को इस्तीफा देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली पुलिस ने अपना बयान दिया। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि निर्देशों का पालन किया जाएगा। दोषी पुलिस वालों पर कर्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज का आदेश नहीं गया था। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अभी पूरा फैसला पढ़ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रामलीला मैदान में मध्य रात्रि के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई के लिए बाबा रामदेव और दिल्ली पुलिस दोनों को जिम्मेदार ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस और राज्य इस हिंसक घटना को टाल सकते थे।

News : Jagran (23.2.12)


18 comments:

  1. AatmRaksha ke Bare Mein Supreme Court ka kya Kehna Hai.

    Pehle Attack karta vhe Kon Tha, Aur Pehle Attack Karne Vale Ne Aatm Raksha Kee thee ya Baad vale ne.

    Tough Decision

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  2. Ye sab CONGRESS k pressure mein ho raha hei......

    BABA RAMDEV ko SUPREME COURT fatkar laga raha hei.....

    ki aap KAALE DHAN k khilaf awaj kyun utha rahe ho......


    Hum log BHRASHTACHAR k beech buri trah fas gaye hein.....

    Iske jimmedar hum hi hein......

    Hum in CHAUR NETAON ko chunte hein.....

    KRANTI TO HOGI.....

    JALD HOGI.......

    Ye NETA INDIA se peet kar bhagaye jayenge......

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  3. Did KING VIKRAMADITYA, WHO NEVER GAVE WRONG DECISION ,TAKE BIRTH IN INDIA?kash dababmukt imandar judges aaj bhi hote to hamari uptet ki mehnat ka yun majak na banta.

    ReplyDelete
  4. Ab dosto kuch karna hi padega meri rai main hum sabhi logo ko Lucknow main Amaran Ansan par baith hi jana chahiye.

    ReplyDelete
  5. TO ALL UP-T.E.T UTTERIN
    KAHA HO AP YE HUMHARI LIST BADI KYO NAHI HO RAHI HAI….
    AB TO WAQT AAYA HAI SATH REH NE KA TO AAP SAB DUR KYO HO PLZ COME ON THIS BLOG PLZ PLZ PLZ……….AAP EK DUSRE SE BAT KARO SOCHO,SAMJHO,PASS AAO……
    UP-T.E.T UTTERIN EKTA SANGRASH MORCHA
    SAVE UPTET…
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  6. Fully agree with u vipin.
    Aam vyakti kahana jaye naya ke liye?hum m.class ka india kahana hain?

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  7. Police ko Lathi Charge ka Aadesh Nahin Diya Gaya Tha To -

    Aadhi Rat Ko Police kya karne gayee thee

    Police ko sirf - Leader RamDev jee se Baat kar Unhe vahan se le jana chahaiye thaa pav Vo ye Kary Din mein kar saktee thee.

    Din mein -
    Agar Baba Ramdev ke log kuch galat karte to Media ka use bhee kiya ja sakta thaa.
    .......

    Ahinsatmak Virodh karna to Gandhiji ne bhee apnaya tha.

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  8. jitna bhrastachar india me congres ke dusre karryakaal me hua h utna kabhi kisi gov ne nahi kiya, vastaw me isne bata diya ki bhrastachar aur tanasahi kya hoti h, ise hm KALUGI SARKAR kahe to koi atishyoklti nahi hogi

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  9. Very important message :- plz attention here

    PYARE PYARE MAMMI PAPA KI JAI

    Ye naukri nahi hamari jindgi hai
    ise hm is tarah lut te hue nahi dekh sakte
    dosto jo hum kr sakte the wo hum logo ne kr diya hai

    humne R.N.Singh and unke son dono ko aaj apna lawyer bana diya hai
    dosto R.N.Singh ald ka sabse mahnga lawyer hai
    ye dono lawyer 1 march ko ald hc tabi jayenge jb inko inki puri fees mil jayegi

    ab hamari ijjat apke hath hai

    manoj kumar gupta
    saharanpur
    9548938754

    and saharanpur walo tum log chudiya pahan lo isse jyada tum kuch nahi kr sakte

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  10. dosto ye neta officer v court aapas me hide and seek khel rahe hai aur hum paglo ki tarah khel ke ant ka wait kar rahe hai.kya kar rahe h hum log har district me jila-adhyakshk ban gye parantu kuch aise log bhi aa gaye jo had darje ke inactive h unko sahi tarike se bat karni bhi nahi aati.jahan par aisi problem h vaha par morche ka punargathan kare

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  11. Naukri sabko chahiye magar paise dene me koi sahyog nahi kar raha maine meeting bulai thi 30candidates me 6 candidates paise dene ko agree hai vo bhi kebal 100rupees per candidate.aage na to khud badhenge na dusro ka sahyog karenge .taang jarur kheechenge.ek baat aur misscall karenge puchhenge aaj sunvai thi kya hua.matlab inhi jankari lene me bhi kharch na karna pade .

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  12. na mardangi ki ummid karo inse ye to nayi naweli dulhan h iska ghughat to tabhi uthega jab iska kaumary samapt ho jayega aur phir kahegi bachao......

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  13. sabhi jila-adhyaksho se nivedan h ki ve block level par morche ka gathan kare isse paraspar viswas badhega.koi bhi system tabhi safal hota h jab uski jade gahri ho hume haq village se ek vishvasniay aadmi morche me active rup se samil karna hoga tabhi hume kamyabi milegi
    jila adhyaksh aisa hona chahie jo dusro ko prabhavit kar sake aur vishvasniy ho

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  14. विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से जारी प्राइमरी स्कूलों के सहायक अध्यापकों की भर्ती विज्ञापन पर लगी रोक बढ़ा दी है। याचिका की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगा।
    यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी ने यादव कपिलदेव लाल बहादुर की याचिका पर दिया है। उल्लेखनीय है कि टीईटी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक नियुक्त करने के लिए बोर्ड ने विज्ञापन निकाला, जिसे चुनौती दी गई। याची का कहना था कि अधिनियम के अंतर्गत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भर्ती विज्ञापन जारी करने का अधिकार है। बोर्ड को ऐसा विज्ञापन जारी करने का अधिकार नहीं है। जिस पर न्यायालय ने बोर्ड के आदेश पर रोक लगाते हुए जवाब मांगा है। ज्ञातव्य है कि इस चयन के तहत 72825 शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।


    http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8937260.html

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  15. Hamne angrejo ki daasta 200 saal tak sahi iska karan yahi tha ki ham dusro ka intjar karte rahe .abhi bhi vakt hai ham 100rs dekar apni naukri surakshit kar sakte hai .koi aur de ya na de aap apne paise dene ko tayyar rahe. Advocate achchha hoga to hamara paksh majboot hoga.

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  16. Hamara desh india pakistan se bhi kharab ho gaya hai ab yaha goverment nahi tanasahi chal rahi hai hum se pakistan hai jaha agar primeminister agar galti karta hai to uske khilaaf mukadma to chalta hai aur saja milti hai yaha par to gunga gardi hai agar ye congress government me rahi to ye india ka poora paisa vedaso me transfer kar denge

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  17. Hamara desh india pakistan se bhi kharab ho gaya hai ab yaha goverment nahi tanasahi chal rahi hai hum se pakistan hai jaha agar primeminister agar galti karta hai to uske khilaaf mukadma to chalta hai aur saja milti hai yaha par to gunga gardi hai agar ye congress government me rahi to ye india ka poora paisa vedaso me transfer kar denge

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