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Sunday, November 4, 2012

Police Recruitment UP : 18 हजार सिपाहियों को हाईकोर्ट से राहत


18 हजार सिपाहियों को हाईकोर्ट से राहत
वेतन पर तीन महीने के अंदर निर्णय लेने का प्रदेश सरकार को दिया आदेश

पुलिस सेवा नियमावली लागू होने के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ 

इलाहाबाद। उच्च न्यायालय ने 18 हजार सिपाहियों की याचिका पर उतर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन सिपाहियों की नई नियमावली के तहत वेतन और अन्य लाभों की मांग पर तीन महीने के अंदर एक विस्तृत एवं उचित आदेश पारित करे। इन सिपाहियों की नियुक्तियां पिछली बसपा बसपा सरकार के दौरान निरस्त हो गई थीं। बाद में अदालत के आदेश पर इनकी बहाली तो हो गई लेकिन आज भी ये सिपाही अपने वेतन और वेतनवृद्धि के लिए परेशान हैं
उतर प्रदेश में पहली बार पुलिस विभाग में दिसंबर 2008 में उनकी सेवा के लिए नियमावली बनी लेकिन इन सिपाहियों को इसका कोई लाभ नहीं मिला और मई-2009 में इनकी बहाली के बाद नई नियमावली के तहत उनको प्रशिक्षण अवधि के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। मजबूरन इन सिपाहियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नई नियमावली के तहत मिलने वाले अपने वेतन और वेतनवृद्धि की मांग की। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने कांस्टेबल विनोद सिंह यादव और कई अन्य सिपाहियों की याचिका पर दिया।
वर्ष 2005-06 मे तत्कालीन सपा सरकार में 18 हजार सिपाहियों की भर्ती हुई थी। ये सभी सिपाही वर्ष 2006 में ट्रेनिंग पर गए थे। याची के अधिवक्ता एम.सी.चतुर्वेदी का कहना था कि 2007 में तत्कालीन बसपा सरकार ने इन भर्तियों को रद्द कर दिया था। बाद में ये सभी सिपाही हाईकोर्ट की शरण में गए और अदालत ने उनके सेवा निरस्तीकरण आदेश को रद्द कर दिया था। सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को कोई राहत नहीं दी और आदेश दिया कि सरकार इन सिपाहियों को बहाल करे। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इन सिपाहियो को बहाल कर दिया गया और उन्होंने ट्रेनिंग भी वर्ष 2009 में पूरी कर ली। पुलिस की नई नियमावली 2008 के तहत वेतन तथा वेतनवृद्धि का लाभ सरकार उन्हें नहीं दे रही थी जिस कारण इन सिपाहियों ने अदालत की शरण ली

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41 हजार अनुदेशकों की भर्ती स्थगित
प्राथमिक स्कूलों में अनुदेशकों के लिए जाएंगे ऑनलाइन आवेदन 

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में 41 हजार अनुदेशकों की चयन प्रक्रिया स्थगित कर दी है। अब आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों की पांच व छह नवंबर को बैठक बुलाई है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह, सात व आठ के लिए कला, शारीरिक शिक्षा और स्काउट गाइड के रूप में अनुदेशकों की चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी। बीपीएड, सीपीएड आैर डीपीएड अभ्यर्थियों को 7000 रुपये फिक्स मानदेय पर नियुक्ति दी जानी थी। 
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जिलों में विज्ञापन निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया था। राज्य परियोजना निदेशक अतुल कुमार ने सभी बीएसए को भर्ती प्रक्रिया तत्काल स्थगित करने के लिए निर्देशित दिया है। अब ऑनलाइन आवेदन से भर्ती कराने की तैयारी है।

News Source : Amar Ujala (4.11.12)

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Previous UP Govt. cancelled recruitment of Police Constables, And now Supreme Court gives relief to them.

3 comments:

  1. Bharat k dutiye Manmohan sh. Akhilesh yadav jo apne dil or dimak s up k berojgar k lie kuch nahi soch sakte dhanya h vo bharat desh jaha ese log shashan karte ho "LARD KARNWALISH " n kaha tha k "HAR BHARTIYE BHARASHIT H"

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  2. Bharat k dutiye Manmohan sh. Akhilesh yadav jo apne dil or dimak s up k berojgar k lie kuch nahi soch sakte dhanya h vo bharat desh jaha ese log shashan karte ho "LARD KARNWALISH " n kaha tha k "HAR BHARTIYE BHARASHIT H"

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  3. Dosto ab hame midia ko paisha ekdha karke do or apne metar ko highliht karva do tabhi kuch ho sakta h

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