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Tuesday, May 21, 2013

UPMSSCB : शिक्षक भर्ती के इंटरव्यू में ‘खेल’ पर नकेल


UPMSSCB : शिक्षक भर्ती के इंटरव्यू में ‘खेल’ पर नकेल

इलाहाबाद । उत्तर प्रदेश माध्यिमक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की भर्तियों में इंटरव्यू के दौरान होने वाला खेल अब नहीं हो सकेगा। बोर्ड ने रोल नंबर की ग्रुपिंग में रैंड़ाइजेशन व्यवस्था लागू कर दी है जिंसके चलते इंटरव्यू लेने वालों को अभ्यिर्थयों के रोल नंबर की जानकारी पहले से नहीं हो सकेगी।

इसके चलते घूसखोरी पर भी रोक लगेगी। दरअसल चयन बोर्ड पर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं कि यहां के सदस्य लिखित परीक्षा में पास अभ्यिर्थयों से पैसे लेकर इंटरव्यू में मनमाने तरीके से नंबर देते हैं। पिछले सालों में हुई भर्तियों में कुछ अभ्यिर्थयों को 50 नंबर के इंटरव्यू में 49 नंबर तक मिले हैं। इस पर प्रतियोगियों ने आपित्त भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पिछले तीन महीने से बोर्ड की कार्यशैली सुधारने में जुटे नए अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन ने इंटरव्यू में रैंडाइजेशन व्यवस्था लागू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक इंटरव्यू में मिलने वाले अंकों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। वैसे इस व्यवस्था का असर पुर्नमूल्यांकन में लिखित परीक्षा में सफल अभ्यिर्थयों के इंटरव्यू के कम जारी होने के बाद पता चलेगा। ये व्यवस्था टीजीटी-2010 सामाजिक विज्ञान की लिखित परीक्षा के पुर्नमूल्यांकन के बाद 8 से 10 मई तक और टीजीटी-2010 हिन्दी के पुर्नमूल्यांकन के लिए 14 मई को हुए इंटरव्यू में लागू की गई थी। 21 से 23 मई टीजीटी-2010 गणित और बायो के पुर्नमूल्यांकन का इंटरव्यू भी इसी व्यवस्था के तहत होने जा रहा है।
क्या है रैंडाइजेशन व्यवस्थाः रैंड़ाइजेशन व्यवस्था में पहले तो सभी चयनित अभ्यर्थियों के रोल नंबर को आपस में ताश के पत्ते की तरह फेंट दिया जाता है। फिर इंटरव्यू बोर्ड एलॉटमेंट में भी यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। यानी यदि सभी बोर्ड को 20-20 रोल नंबर एलॉट होने हैं तो अलग-अलग बंच बनाकर सभी को आपस में मिलाया जाता है और फिर किसी भी बोर्ड को कोई बंच लाटरी से दिया जाता है। इस प्रकार अब इंटरव्यू बोर्ड में शामिल सदस्य और एक्सपर्ट को पहले से पता नहीं रहता कि उन्हें किसका साक्षात्कार लेना है


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What I think is -
CCTV camera should also install to record interview activities.
By implementing this, A break on favoredness / bias views  can be happen and such interview can be evaluated later to know Board performance.And such Video can be Public after some later stage.

Though this, Good candidates will be encouraged and a POSITIVE message will GO in Public.

Government must think about this to make transparencies in selections and to encourage good candidates and this will ultimately  lead to good services to PUBLIC.