/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Thursday, December 5, 2013

72825 Teacher Recruitment : टीईटी भर्ती मामला और सुप्रीम कोर्ट

72825 Teacher Recruitment : टीईटी भर्ती मामला और सुप्रीम कोर्ट



Teacher Recruitment News

**********************
Join Our Facebook Group - https://www.facebook.com/groups/uptetallinone/
Join Our Upper Primary / Junior High School Teacher Facebook Group - https://www.facebook.com/groups/uptetjnrteacher/

**********************

आज कल नयी नयी ख़बरें आ रही हैं कि 72825 अभ्यर्थीयों की भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट जायेगा ।
हमारा मानना है कि जैसा हाई कोर्ट ने आदेश दिया वैसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में रहेगा ।
इसके निम्न कारण हैं -
एन सी टी ई ने अपनी नियमावली में स्पष्ट कर रखा है कि टी ई टी अंको का चयन में वेटेज दिया जाये
अभ्यर्थी पुन : टी ई टी  परीक्षा में शामिल होकर अपने टी ई टी अंको को सुधार सकते हैं

और इलाहबाद हाई कोर्ट ने टी ई टी अंको से भर्ती को एन सी टी ई नियमावली के विरुद्द नहीं माना है

दूसरा बड़ा पक्ष है कि भर्ती के नियम पूर्व गामी न हो कर अग्र गामी होते हैं अर्थात खेल के नियम खेल शुरू होने से पहले बनते हैं

तीसरा पक्ष है कि - टी ई टी परीक्षा सभी के लिए एक सामान अवसर थी

चौथा पक्ष है कि - टी ई टी परीक्षा रद्द नहीं हुई और टी ई टी  2011 के सर्टिफिकेट के आधार पर अन्य भर्तियां - 10800 शिक्षकों की भर्ती
बी टी सी वालों के लिए निकली थी और उसमें भर्ती हो चुकी है

अभी हाल ही में  मीडिया में कुछ खबरे इस  तरह की आयी की शिक्षा विभाग के पास टी ई टी अंकों के सत्यापन का डेटा नहीं है और फेस बुक पर
अभ्यर्थीयों में कोतुहल मच गया की अगर शिक्षा विभाग के पास टी ई टी अंकों का डेटा नहीं है तो अभी हाल ही में हुई बी टी सी अभ्यर्थीयों की भर्ती कैसे हो गयी , और विभाग कैसे जांच करेगा की कोई अभ्यर्थी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण / पात्र है कि नहीं ।

वास्तव में टी ई टी सर्टिफिकेट के दो ही पहलु हैं या तो - सर्टिफिकेट / मार्कशीट और उसके अंक सही है
या फिर - सर्टिफिकेट / मार्कशीट और उसके अंक गलत हैं

कई अभ्यर्थीयों फेस बुक पर कहना है कि टी ई टी अंकों  का डेटा कई जगह मौजूद है और पुलिस ने भी जांच के लिए इस डेटा का उपयोग किया है

पांचव पक्ष है कि - टी ई टी  2011गलत प्रश्नो के मामले में बहुत से अभ्यर्थी अदालत गए / आपत्ति दर्ज की और गलत प्रश्नो का फायदा सभी को मिला और
काफी सारे अभ्यर्थी अपात्र होते हुए भी पात्र हो गए ( 3 -4 अंको का फायदा पा कर ) और इसको हल करने का तरीका है कि टी ई टी  परीक्षा के अंको को भर्ती
में उपयोग में लाया जाये क्यूंकि टी ई टी परीक्षा में सामान अंक बढ़ने पर रेंक पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा


हमारा मानना है कि भर्ती का मामला अगर सुप्रीम कोर्ट भी जाता है तब भी कोई खास परिवर्तन नहीं आयेगा और हाई कोर्ट का आदेश जो की
पूर्व वर्ती विज्ञापन (टी ई टी  मेरिट से भर्ती का आधार ) कि बहाली को लेकर है बना रहेगा


कुछ कारणो से एन सी टी ई ने टी ई टी  परीक्षा और इसके अंको को चयन में बहुत उपयोगी माना है परन्तु ये भी नहीं कहा कि अकादमिक अंको का चयन में
उपयोग नहीं किया जा सकता । जिस प्रकार क्लर्क की भर्ती के लिए क्लेरिकल एप्टीट्यूड परीक्षा आयोजित होती है ,
अधिकारी बनने के लिए ऑफिसर (  प्रोबेशनरी, सिविल , पुलिस , डॉक्टर , इंजीनियर सर्विस ) एप्टीट्यूड परीक्षा आयोजित होती है उसी प्रकार
प्राथमिक / बेसिक शिक्षक बनने  के लिए टी ई टी  परीक्षा एक विशिष्ट परीक्षा है जो कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी योगयता जांचती है ,
सी टी ई टी परीक्षा का एक प्रश्न देखते हैं -
इरफ़ान खिलोनो को तोड़ता है और उसके पुर्जों को देखने के लिए उन्हें अलग अलग कर देता है । अप क्या करेंगे -

(१) उस पर हमेशा नजर रखेंगे
(२) उसके जिज्ञासु स्वाभाव को प्रोत्साहित करेंगे और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में संचरित करेंगे
(३) उसे समझायेंगे कि खिलोनो को तोडना नहीं चाहिए
(४) इरफ़ान को खिलोनो से कभी नहीं खेलने देंगे

उत्तर - (२)
कारण - इरफ़ान एक जिज्ञासु प्रवृति का बालक है ,वो खिलोने को तोड़ कर उसके पुर्जों को देखता है तो पता चलता है कि वह जानना चाहता है कि
खिलोने कैसे काम करते हैं ।
अत : शिक्षक को चाहिए कि वह उसके स्वभाव को प्रोत्साहित करे और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में संचरित करे

और ऐसे ही बहुत से कारण है जो कि प्राथमिक शिक्षक बनने कि लिए टी ई टी परीक्षा द्वारा शिक्षक के मूल्याङ्कन को सही ठहराते हैं
व् शिक्षक के बाल मनोविज्ञान व् बच्चों के व्यवहार को समझने के लिए जरूरी बताते हैं ।

यहाँ किसी पी एच डी , इंजिनीयर , कृषि वैज्ञानिक , विषय विशेषज्ञ का चयन नहीं हो रहा बल्कि प्राथमिक शिक्षा के लिए उपयुक्त शिक्षक का चयन हो रहा है

अकादमिक अंकों का भी अपना महत्व है और काफी सारे राज्यों में भर्तियां टी ई टी अंको के वेटेज व अकादमिक अंको के वेटेज को मिला कर होती हैं ,
अकादमिक अंको में अलग अलग बोर्ड , यूनिवर्सिटी में अलग अलग तरह से मार्किंग रहती है , इंजीनियरिंग आदि परीक्षा में अंतिम वर्षों के अंकों का बहुत ज्यादा वेटेज होता है और प्रथम वर्ष के अंक का अलग ।

मैंने देखा कि केंद्र सरकार कि एक संस्था ने अलग अलग बोर्ड की मार्किंग को स्केलिंग पध्दति द्वारा सही किया और उसे स्कालरशिप चुनने का आधार बनाया , See -




http://www.iiser-admissions.in/cut_off.php
( Here CBSE, ICSE Board Marks 94.2 Equivalent To = UP Board Marks 78.4%)



अंत में यही कहना है कि 72825 के लिए टी ई टी मेरिट से चुने जाने का पक्ष बेहद मजबूत है 
और नयी भर्तियां अकादमिक व टी ई टी परीक्षा दोनों के अंकों से हो सकती हैं या मल्टी लेवल परीक्षा पध्दति से भी हो सकती हैं 

8 comments:

  1. भई क्या बेहतरीन है, हमेँ भी तो बताओ आधा किलो हम भी ले आते हैँ ।

    ReplyDelete
  2. Yaar tu si great ho.
    Aap ham logo ko positive energy dete ho very very thanks

    ReplyDelete
  3. Yaar tu si great ho.
    Aap ham logo ko positive energy dete ho very very thanks

    ReplyDelete
  4. Yadi sc ka faisla aane me march 2014 ki samay seema nikal jati hai tab kya hoga ?

    ReplyDelete
  5. Yadi sc ka faisla aane me march 2014 ki samay seema nikal jati hai tab kya hoga ?

    ReplyDelete

Please do not use abusive/gali comment to hurt anybody OR to any authority. You can use moderated way to express your openion/anger. Express your views Intelligenly, So that Other can take it Seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।