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Sunday, July 20, 2014

Aided School Teacher Recruitment : अब एडेड स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

Aided School Teacher Recruitment : अब एडेड स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
भर्ती का विज्ञापन सरकारी साइट पर कराना होगा लोड


 



लखनऊ। सरकारी स्कूलों के बाद अब सहायता प्राप्त स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया भी ऑनलाइन करने की तैयारी है। स्कूल प्रबंधन रिक्त पदों के लिए जो भी विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराएगा, उसे शिक्षा विभाग की सरकारी वेबसाइट पर डलवाना होगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए अलग से वेबसाइट
http://schools.rmsa-up.in तैयार कराई है।

इसमें सरकारी, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों का पूरा ब्यौरा एक क्लिक पर मिल जाएगा। इसका ट्रायल शुरू हो गया है। जल्द इसे पूरी तरह शुरू करने की तैयारी है। विभाग का मानना है कि ऑनलाइन ब्यौरा होने के बाद गड़बड़ी की आशंका कम हो जाएगी।
प्रदेश में 6,234 सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल हैं। इसमें 1,608 इंटर कॉलेज और 4,626 सहायता प्राप्त हैं। सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में संबद्ध प्राइमरी अनुभाग कक्षा 1 से 8 तक बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को रखने का अधिकार स्कूल प्रबंधन के पास होता है। स्कूल प्रबंधन नियमों के मुताबिक भर्ती यदि करना चाहता है तो जिला विद्यालय निरीक्षक इसमें खामियां निकाल कर भर्तियां रोकने का प्रयास करते हैं। कभी-कभार तो यह भी होता है कि एक अधिकारी भर्तियों को अनुमोदित करके जाता है और दूसरा आकर उसे गलत बता देता है।
भर्तियों में धांधली की शिकायतें भी मिलती हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग चाहता है कि सहायता प्राप्त संबद्ध विद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी जाए। स्कूल प्रबंधन भर्ती के लिए जो भी विज्ञापन निकालेगा, उसे सरकारी वेबसाइट पर डाला जाएगा। आवेदनों की संख्या, साक्षात्कार की तिथि, चयन के बाद शिक्षकों व कर्मचारियों का ब्यौरा साइट पर डाला जाएगा।


News Source Sabhaar : Amar Ujala (20.07.2014)

5 comments:

  1. Ku6 bhi kar lo...
    1....1..vacancy 1000000 se lekar 14 lakh tak bkegi....guaranty ke sath....
    Mere pas bahut pahle offers aaya tha..14 lakh me....
    Paisa nahi tha...to kisi dusre ki setting ho gayi....
    UP ME EDUCATION KI KOI BHI VELLU NAHI H.....SAB KU6 PAISE SE KHARIDA JA SAKTA H...

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    1. भाईयों बहुतत दिनों से आप सभी का कमेन्ट मैं एस ब्लॉग पर पढ़ रहा हूँ अब जाकर सच बोले हो आपलोग कि उत्तरप्रदेश में पैसे से सब कुछ ख़रीदा जा सकता है। ये अपना उत्तम प्रदेश कब तक निर्दोष लोगों को लूटती रहेगी

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    2. Sunil ji main lets ha Paise hameto batao

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  2. अब परिषद के ‘पत्र’ से निकलेगा ‘रिजल्ट’ टीईटी 2011 के अंकपत्र की गुत्थी सुलझने के आसार माशिप ने एसपी कानपुर देहात व सीओ अकबरपुर को भेजा पत्र जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जिस समस्या का शासन लंबे मंथन के बाद भी समाधान खोज नहीं पाया था, वह काम महज एक ‘हुक्म’ ने आसान कर दिया है। न्यायालय के आदेश को आधार बनाकर माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने कानपुर देहात जनपद की पुलिस को खत लिखा है जिसमें टीईटी परिणाम 2011 की जब्त की गई सीडी की मांग की गई है। परिषद के ‘पत्र’ से ‘रिजल्ट’ की उम्मीद जग गई है। प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) वर्ष 2011 में हुई थी। परीक्षा कराने का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपा गया था। इसमें परिषद ने बाहरी एजेंसी की मदद ली थी। 2012 में परिषद ने प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर अंकपत्र भेज दिए थे जिनका वितरण वहीं से हुआ था। तमाम को अंक पत्र नहीं मिल पाया था जिन्हें मिला भी था उनमें से कई के अंक पत्र में तमाम त्रुटियां थीं। अंक पत्र नहीं मिलने सहित गलतियों के सुधार को परिषद मुख्यालय पर दस हजार से ऊपर आवेदन आए थे। टीईटी परीक्षा के बाद कानपुर देहात पुलिस को नंबर बढ़वाने आदि की धांधली के सबूत मिले थे, पुलिस ने कुछ गिरफ्तारी करने के बाद परिषद मुख्यालय से अंक पत्र की पूरी सीडी ही जब्त कर ली थी। लिहाजा परिषद के पास अभ्यर्थियों को देने के लिए कुछ नहीं था। अभ्यर्थियों के आवेदन रिसीव किए जाते रहे लेकिन उनमें सुधार व डुप्लीकेट कॉपी देने से साफ मना कर दिया गया। कई अभ्यर्थी इस मामले को लेकर कोर्ट भी गए। इधर, 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद शिकायतें तेज हुईं। शासन ने भी इस संबंध में अफसरों की बैठक बुलाई और अंक पत्र बांटने की संभावनाओं पर मंथन किया किंतु कोई समाधान नहीं निकला। इसी बीच महराज सिंह नामक अभ्यर्थी ने परिषद मुख्यालय पर आवेदन दिया कि उसके अंक पत्र में पिता के नाम की जगह उसका नाम लिख दिया गया है जिसे दुरुस्त किया जाए। परिषद के ना करने पर वह कोर्ट चला गया और न्यायालय ने संशोधन का आदेश दिया। परिषद ने उसको लिखकर दिया कि कोई रिकॉर्ड उपलब्ध न होने से त्रुटियों को ठीक नहीं किया जा सकता। न्यायालय की अवमानना को लेकर महराज सिंह फिर कोर्ट गए तो न्यायालय ने स्पष्ट किया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद का जवाब गंभीरतापूर्ण नहीं है। या तो वह अंक पत्र में संशोधन करे या फिर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद और कानपुर देहात के सीओ व्यक्तिगत रूप से 31 जुलाई को न्यायालय में हाजिर हों। न्यायालय के इस निर्देश से हड़कंप मच गया है। सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद शकुंतला देवी यादव ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्रधिकारी कानपुर देहात अकबरपुर को पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि टीईटी 2011 के अंक पत्र की सीडी उन्हें उपलब्ध करा दी जाए, ताकि महराज सिंह व अन्य छात्रों के आवेदनों का जवाब दे दिया जाए या फिर तय तारीख में दोनों को न्यायालय में पक्ष रखना होगा। इस पत्रचार से दस हजार अभ्यर्थियों के चेहरों पर मुस्कान बिखरने की उम्मीद है, क्योंकि अब इसका कोई न कोई हल निकलने के आसार बढ़ गए हैं।

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