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Tuesday, November 4, 2014

चकबंदी लेखपाल भर्ती नियमावली को मंजूरी

चकबंदी लेखपाल भर्ती नियमावली को मंजूरी
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश कैबिनेट ने राजस्व विभाग के लेखपालों की तरह ही चकबंदी लेखपालों की संशोधित नियमावली को भी मंजूरी दे दी है। अब चकबंदी लेखपाल की भर्ती में भी 80 नंबर की बहुविकल्पीय लिखित परीक्षा व 20 नंबर का इंटरव्यू होगा। पहले 60 नंबर की लिखित परीक्षा और 40 का इंटरव्यू था। ‘अमर उजाला’ ने 21 अगस्त के अंक में इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी
राजस्व की ही तरह चकबंदी लेखपाल भी होते हैं। कुछ दिन पहले तक राजस्व विभाग में लेखपालों के चयन के लिए 90 नंबर की लिखित परीक्षा व दस नंबर का इंटरव्यू था। सरकार ने इसे हाल में बदलकर 80 नंबर की लिखित परीक्षा व 20 नंबर का इंटरव्यू किया है। दूसरी ओर चकबंदी लेखपाल की भर्ती के लिए 60 नंबर की लिखित परीक्षा व 40 नंबर का इंटरव्यू था। सोमवार को प्रदेश कैबिनेट ने चकबंदी लेखपालों की भर्ती के लिए भी लिखित परीक्षा 80 नंबर की और इंटरव्यू 20 नंबर का कर दिया
लेखपाल के 10 हजार पदों पर भर्ती का रास्ता साफ ः
राजस्व व चकबंदी के लेखपालों की भर्ती नियमावली एक समान होने से अब दोनों ही विभागों में रिक्त पदों पर एक साथ भर्ती की कार्यवाही शुरू की जा सकती है। प्रदेश के राजस्व विभाग में लेखपाल के करीब 7000 और चकबंदी लेखपाल के करीब 3000 पद खाली हैं। इस तरह राजस्व विभाग चाहे तो इन 10 हजार पदों पर एक साथ भर्ती की कार्यवाही शुरू कर सकता है।

news sabhaar : amar ujala

12 comments:

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  2. सुप्रभात साथियों
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    सामान बांध लिया है मैंने अपना, - -
    अब बताओ - -
    कहाँ रहते हैं वो लोग जो कहीं के नहीं रहते !

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  3. कोई बन्धु है जो तीसरी निर्गत मेरिट की व्याख्या कर सकता है ......
    यदि हाँ तो प्लीज रिक्त सीट के सापेक्ष या कुल सीट के सापेक्ष वाला कुतर्क से न समझाये.....

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  4. 72, 825 भर्ती से जुड़े सभी लोग ध्यान दें -
    ये भर्ती तभी पूर्ण हो सकती है जब यह त्रुटियों को दूर करते हुये यह सही दिशा में चलायी जाये (बल्कि ये कहना ज्यादा उचित होगा चलवायी जाये )
    वरना संघर्ष से प्राप्त इस सफलता का भविष्य एक बार फिर से अंधकार में पहुँच जायेगा ।
    आज 5 नवम्बर को हम सबको मिलकर निम्न काम अवश्य करवाने हैं -
    1- अभी तक सेलेक्टेड साथियों की लिस्ट ऑन - लाइन की जाये ।
    2- जिनको भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया गया है , उन्हें किन कारणों से बाहर किया गया है मेन्सन किया जाये ।
    3- अलग - अलग जनपद में
    अलग - अलग केटेगरी में रिक्त शीट्स शो करने के बाद , उसके सापेक्ष कंडीडेटस को बुलाया जाये । फर्जी और अनुमानित लिस्ट निकाल कर हम सबको गुमराह करने का खेल बंद होना चाहिये ।
    4- कम से कम 3 हेल्प लाइन नम्बर चालू किये जायें , जिन पर भर्ती से जुड़े ज़िम्मेदार लोगों से बात हो सके ।
    5- डेटा - फीड करने वालों की गलतियो की सजा उन निकम्मे बाबुओ को ही मिलनी चाहिये न कि अभ्यर्थियों को ।
    नोट :
    जिन लोगों ने प्रत्यावेदन देकर काउन्सलिन्ग करायी है या कराने जा रहे हैं वो अवश्य ही लखनऊ आकर ज़िम्मेदार ब्यक्ति से अपने प्रार्थना- पत्र पर
    ALLOWED
    लिखवा लें
    वरना सभी औपबन्धिक वालों को बाहर करने की योजना में ये कमीनी सरकार सफल हो जायेगी ।
    यदि आज की माँग में कोई और बात रखनी हो तो आप प्रबुद्ध वर्ग के विचारों का स्वागत है ।
    जो लोग अच्छी तरह से अप्लिकेशन लिख सकते हो वो दो प्रकार के लिख के लाये - एक ब्यक्तिग्त अपनी समस्या को लेकर जिस पर allowed लिखवाना है खुद की मज़बूती के लिये
    और
    दूसरा सामूहिक माँगो को लेकर
    ध्यान रखिये आपकी मदद कोई और नहीं कर सकता आप ख़ुद ही अपनी मदद कर सकते हैं ।
    विशेष बात - विकलांग लोग आज न आयें प्लीज़ क्योंकि आज उनकी काउन्सलिन्ग है ।
    यदि आप विकलांग नहीं हैं तो बिना किसी की दया के मोहताज हुये अवश्य आयें ।
    हम 11 बजे निशात गंज में मिलेंगे ।
    केवल जागरूक और स्वावलम्बी लोगों का स्वागत है बाकी लोग घर में पड़े पड़े सर्दी का आनंद लें !
    धन्यवाद !

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  5. भोजन के अन्त में पानी विष समान है ।
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    भोजन हमेसा धीरे धीरे, आराम से जमीन पर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन पौन घंटा पहले पी ले । भोजन के समय पानी न पियें । यदि प्यास लगती हो या भोजन अटकता हो तो क्रमशः सुबह/दोपहर/शाम को जुस/छाछ/दूध ले सकते हैं लेकिन यह क्रम उल्टा नही होना चाहिए सुबह के समय उस मौसम के किसी भी फल का रस पी सकते है (डिब्बा बन्ध फलों का रस गलती से भी न पियें) । लेकिन पानी एकदम नहीं पीना है क्योंकि जब हम भोजन करते है तो उस भोजन को पचाने के लिए हमारी जठराग्नि में अग्नि प्रदीप्त होती है । उसी अग्नि से वह खाना पचता है । यदि हम पानी पीते है तो खाना पचाने के लिए पैदा हुई अग्नि मंद पड़ती है और खाना अच्छी तरह से नहीं पचता और वह विष बनता है । वह भोजन कई तरह की बीमारियां पैदा करता है । भोजन करने के एक घन्टा (वो भी कामकाजी लोग नही तो बाकी लोग 2घंटे के बाद ) ही पानी पिए वो भी घूंट घूंट करके ।
    फायदे :
    मोटापा कम करने के लिए यह पद्धति सर्बोत्तम है । पित्त की बिमारियों को कम करने के लिए, अपच, खट्टी डकारें, पेट दर्द, कब्ज, गैस आदि बिमारियों को इस पद्धति से अछि तरह से ठीक किया जा सकता है ।

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  6. 113 तक,
    अन्य वर्ग के अभ्यर्थी भी हैं जो रिसफलिंग का लाभ नहीं पा रहे हैै तो ये संख्या 55000 के ऊपर पहुँच रही है
    अब सबसे अहम बात ये कि 113 के ऊपर इतने अभ्यर्थियो का होना ये बात हजम नही हो रही है..
    अब आपके स्वास्थपूर्ण विचार आमंत्रित है.............

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  7. केजू सर कह रहे हैं इस बार जनता सबक सिखायेगी। अब सर जनता ने तो लोकसभा चुनाव में भी सबक सिखाया था पर आप सीखते भी कहां हो

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  8. कम-से-कम इतना तो करें.....
    24 घंटों में 1440 मिनट होते हैं। इन 1440
    मिनटों में से कम-से-कम 440 मिनट
    ही परमात्मा के लिए लगाओ। यदि 440 मिनट
    नहीं लगा सकते तो 240 मिनट ही लगाओ। अगर
    उतने भी लगा सकते तो 140 मिनट ही लगाओ।
    अगर उतने भी नहीं तो 100 मिनट अर्थात् करीब
    पौने दो घंटे ही उस परमात्मा के लिए लगाओ
    तो वह दिन दूर नहीं कि जिसकी सत्ता से
    तुम्हारा शरीर पैदा हुआ है, जिसकी सत्ता से
    तुम्हारे दिल की धड़कनें चल रहीं है, वह
    परमात्मा तुम्हारे हृदय में प्रकट हो जाय.....
    24 घंटे हैं आपके पास.... उसमें से 6 घंटे सोने में
    और 8 घंटे कमाने में लगा दो तो 14 घंटे हो गये।
    फिर भी 10 घंटे बचते हैं। उसमें से अगर 5 घंटे
    भी आप इधर-उधर, गपशप मे लगा देते हैं !
    परमात्म-प्राप्ति की भूख पैदा होगी। जैसे,
    उपवास के दौरान सहन की गयी भूख आपके
    शरीर की बीमारियों को हर लेती है, वैसे
    ही भगवान को पाने की भूख आपके मन व
    बुद्धि के दोषों को, शोक व पापों को हर लेगी।
    कभी भगवान के लिए विरह
    पैदा होगा तो कभी प्रेम..... प्रेम से रस
    पैदा होगा और विरह से प्यास पैदा होगी।
    भगवन्नाम-जप आपके जीवन में चमत्कार
    पैदा कर देगा....
    परमेश्वर का नाम प्रतिदिन कम-से-कम 1
    बार तो लेना ही चाहिए।

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