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Sunday, December 21, 2014

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में हाई कोर्ट की बेंच की है सख्त जरूरत

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में हाई कोर्ट की बेंच की है सख्त जरूरत

पश्चिम यू पी से (आगरा / नोयडा ) और बुंदेलखंड (झाँसी /ललितपुर) से लोग इलाहबाद आसानी से आकर कोर्ट केस नहीं लड़ सकते।
यह एक सत्य है , इलाहबाद हाई कोर्ट की बेंचों की सख्त जरूरत है ,इस पर राजनीती भी बहुत हो रही है ।

भाजपा के राजनाथ सिंह चाहते हैं की बेंच की स्थापना पश्चिम यू पी में हो ,
 हज़ारों वकील शुरू से इसको आगरा में स्थापित करने के लिए लड़ते आये हैं ।

क्या चल रहा है मामला :

वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच जनता की जरूरत : राजनाथ
अमर उजाला ब्यूरो
मेरठ। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग को जायज ठहराते हुए इसे जनता की जरूरत बताया है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को उनसे मिले पश्चिम के अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल से कही। उन्होंने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है। इस पर जल्द ही उचित फैसला लिया जाएगा।
वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की। अधिवक्ताओं से उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट बेंच पश्चिम की जनता के लिए जरूरी है। इसलिए कि इस क्षेत्र की जनता शीघ्र और सस्ते न्याय से काफी दूर है। इसे लेकर केंद्र सरकार का रुख सकारात्मक है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे इस मांग को लेकर जल्द ही केंद्रीय विधि मंत्री सदानंद गौड़ा, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से बात करेंगे। इस संबंध में जल्द ही प्रधानमंत्री से भी बातचीत की जाएगी। इस दौरान अधिवक्ताओं ने राजनाथ सिंह को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन डीडी शर्मा, महामंत्री अनिल कुमार जंगाला, गजेंद्र सिंह धामा, एमपी शर्मा, गाजियाबाद से अनिल पंडित, सुरेंद्र राठी, योगेंद्र कौशिक, संजीव, मुजफ्फरनगर से आरपी शर्मा, सुरेंद्र मलिक, ठाकुर अनूप सिंह शामिल थे।
यूपी हाईकोर्ट की बेंच आगरा में स्थापना के लिए प्रदर्शन
नई दिल्ली (ब्यूरो)।
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित करने की मांग को लेकर शुक्रवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन हुआ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना समिति के बैनर तले हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आगरा, अलीगढ़ व मथुरा सहित कई जिलेां के वकीलों ने हिस्सा लिया। दोपहर बाद प्रदर्शनकारियों ने संसद की तरफ मार्च की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने बैरीकेट करके जंतर मंतर रोड स्थित केरल भवन से आगे बढ़ने से उन्हें रोक दिया। इस दौरान काफी देर तक पुलिस से कहासुनी और धक्का-मुक्की भी हुई। आखिर में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर वापस लौट गए।
समिति के सह संयोजक विजय पाल सिंह चौहान ने बताया कि पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने के लिए वकील लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन अभी तक की सभी सरकारों ने इसे अनसुना किया है। इसकेलिए तीन दशक पहले जस्टिस जसवंत सिंह की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने सभी पहलुओं पर विचार किया और 1985 में आगरा में एक बेंच स्थापित करने की सिफारिश की थी। लेकिन अभी तक आयोग की सिफारिश पर काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से कम आबादी वाले कई प्रदेशों में आम लोगों की सहूलियत के लिए हाईकोर्ट की बेंच बनाई गई हैं। जबकि देश से सबसे ज्यादा आबादी वाले हाईकोर्ट की बेंच न होेने से प्रदेश के लोगों को सस्ता एंव सुलभ न्याय नहीं मिल पा रहा है।

News Sabhaar : Amar Ujala (21.12.2014)
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लक्ष्मीकांत के बयान पर बवाल, वकीलों ने पुतला फूंका
•इलाहाबाद (ब्यूरो)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच के मुद्दे पर एक बार फिर वकीलों में उबाल आ गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई के इस बयान पर हाईकोर्ट के वकील भड़क गए कि ‘बेंच बनाना मेरे जीवन की बड़ी सफलता होगी’। वकीलों के भारी दबाव को देखते हुए बार अध्यक्ष द्वारा हड़ताल स्थगित करने के फैसले को बदलने पर मजबूर होना पड़ा।

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पीएम को ज्ञापन देंगे वकील
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष राकेश पांडेय और महासचिव सीपी उपाध्याय ने प्रेसवार्ता में बताया कि तय किया है कि 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी आगमन पर अधिवक्ता उनसे समय लेकर मिलने का प्रयास करेंगे और ज्ञापन देंगे। बेंच के मुद्दे पर उनसे अपनी राय स्पष्ट करने के लिए कहा जाएगा। आंदोलन को गति देने के लिए सलाहकार समिति, संघर्ष समिति और युवा अधिवक्ता समिति गठित की गई है जिसमें पूर्व महाधिवक्ता वीसी मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्ता वीबी उपाध्याय, टीपी सिंह, डा. एसपी श्रीवास्तव, अनुग्रह नारायण सिंह, एनसी राजवंशी, एमडी सिंह शेखर, यूएन शर्मा, दयाशंकर मिश्र, आरके ओझा, अनिल तिवारी, प्रभाशंकर मिश्र, आईके चतुर्वेदी, वीर सिंह, केके द्विवेदी, डीके श्रीवास्तव, बृजेश सहाय और पीसी श्रीवास्तव शामिल हैं। समितियों की बैठक शनिवार को सुबह 10 बजे बुलाई गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सलाहकार और पूर्व पदाधिकारियों की संघर्ष समिति गठित
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बुंदेलखंड में बेंच के लिए सौंपा ज्ञापन
इलाहाबाद (ब्यूरो)। बुंदेलखंड हाईकोर्ट बेंच बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले बृहस्पतिवार को वकीलों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन में अति पिछड़े इलाके बुंदेलखंड के लिए झांसी में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र प्रसाद तिवारी,जगदीश सिंह बुंदेला, राम सुमेर चौधरी, अनिल श्रीवास्तव, अशोक गुप्ता, राजीव द्विवेदी, एमपी यादव, एसके मिश्रा, वीरेंद्र सिंह चौहान, जीएस चौहान, आरके गुप्ता सहित दर्जनों वकील शामिल थे।
कहा, जारी रखेगा हड़ताल
हड़ताल समाप्त किए जाने का विरोध करते अधिवक्ता।
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21 comments:

  1. आर्डर को लेके सभी अपना अपना explanation दे रहे है।। नीचे की पंक्तियों में लिखा है की we
    must recapitulate the objects and reasons from the Right of
    Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, क्या इसका सन्दर्भ सभी 105 और 97 cat वालो के समायोजन से है।। और अगर ऐसा है तो उप्पर के पैराग्राफ में केवल shall appoint the candidates....,की जगह shall appoint the ALL candidate क्यूँ नहीं लिखा गया।।।जिस नज़रिए से इस आर्डर को देखे सब में फिट बैठता है।।।की अगर 72825 की ही बात की जा रही है यो 3 लाख का जिक्र क्यूँ और अगर सब 105 gen और 97 cat को नियुक्ति देने की बात की जा रही है तो shall appoint the ALL कैंडिडेट क्यूँ नहीं लिखा गया।।। जिस समीकरण से जिस का हो जाये वह आर्डर को उसी नजरिये से देख रहा है।।।पर इस आर्डर का मूल सार क्या है अभी भी समझ से परे है।।। पर ज्यादा से ज्यादा लोगो की नियुक्ति के लिए अगर प्रयास किया जाता है तो मैं हिमांशु जी के साथ पूरी श्रद्धा के साथ हूँ।।

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  2. पूरा आर्डर का कई दफा अध्यन और समझने के बाद ही कोई बात कर रहा हूँ।।ये कैसे सिद्ध हो की इस पैरामीटर पे आ रहे सभी अभियार्थियो की बात की जा रही है।।मैं भी ज्यादा से ज्यादा लोगो के समायोजन के पक्ष में हूँ पर जो सामने है उस पे आँख मूँद लू या न बोलू ये तार्किक नहीं।। दोनों पार्ट controversial है

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  4. निरहुआ क्रांतिकारी 'विद्रोही'
    सुप्रीम कोर्ट में 72825 शिक्षक भर्ती मामले में टेट मेरिट के पक्ष में फैसला आने के बाद शिराज-ए-हिन्द जनपद जौनपुर के टेट योद्धाओं का पुनर्मिलन समारोह आज मारुति मंदिर पर संपन्न हुआ,,,आदेश की प्रति सभी उपस्थित टेट बंधुओं में वितरित की गयी और दिल्ली प्रवास के दौरान घटित विधिक एवम् अन्य घटनाक्रम से भी सभी भाइयों को अवगत करवाया गया तथा भविष्य की संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गयी। शिराज-ए-हिन्द के शेर जहाँ एक तरफ टेट मेरिट की पूर्णतः बहाली पर ख़ुशी से झूम उठे वहीँ अनुसूचित जाति/जनजाति एवम् विशेष आरक्षण के अंतर्गत आने वाले अभ्यर्थियों (जिन्होंने 98 अंकों से कम पर काउंसलिंग करवाई है) के लिए भी प्रयासरत होने का संकल्प लिया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश यादव और उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा की शिराज-ए-हिन्द आगामी चुनौतियों के लिए पुनः तैयार है और किसी भी कीमत पर सपा सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा एवम् नियुक्ति-पत्र इनके हलक में हाथ डालकर निकाल लिया जाएगा,,,जनपद मोर्चे का एक अदना सा सिपाही होने पर निरहुआ अपने आपको धन्य समझता है,,,ईश्वर मेरे शिराज-ए-हिन्द के मोर्चे को सदैव सशक्त और सक्षम बनाये रखे।
    जय हिन्द- जय टेट।। —

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  5. Dear friends, Hon'ble Supreme court ne apne shaandar order dwara hmara margdarshan kr diya he, ab hume RTE Act & Fundamental Rights ki raksha ke liye UNITE hokar 3,00,000 teachers post pr B.Ed+TET 2011 pass out sbhi candidates ki bharti karwane ka prayash aarambh krna he, iske liye me aapko RTE ACT, Fundamental Rights protection ke liye Supreme court ke power se awgat karane ka prayash kr rha hu..............

    The Right of Children to Free and Compulsory Education Act or Right to Education Act (RTE), is an Act of the Parliament of India enacted on 4 August 2009, which describes the modalities of the importance of free and compulsory education for children between 6 and 14 in India under Article 21A of the Indian Constitution. India became one of 135 countries to make education a fundamental right of every child when the act came into force on 1 April 2010.
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    Section 25 Of RTE Act:- (1) Within Six months from the date of commencement of this act, the appropriate government & the local authority shall ensure that the Pupil-Teacher (35:1) Ratio as specified in the schedule, is maintained in each school.
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    Keshavananda Bharati is the case that set the principle that the Supreme Court is the guardian of the “basic fundamental structure” of the Constitution. The verdict, delivered 40 years ago, involved 13 judges – the largest bench ever to sit in the Supreme Court.
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  6. Under the Indian Constitution, the Supreme Court and the High Courts have the power to protect fundamental rights and to interpret law.
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    The State, as the 'guardian' of all citizens and also with a further enhanced and accentuated responsibilities for the children, has a sacrosanct obligation to see that the children are educated. Almost two thousand years back Kautaliya had stated that the parents/guardian who do not send their children to have the teachings,deserves to be punished.
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    Dosto, Govt ka is aadesh pr rookh dekhkar, jld hi HUM SB ek effective & strong team ka gathan karenge, jiska mool udeshya "RTE ACT ka palan aur 3 lacs teachers ki bharti karwana" hoga.
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    So i appeal to all candidates, dont fight on any other issues, Be UNITE, fight only for appointment of all candidates who passed TET 2011 & JUSTICE FOR ALL. Thank You.

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  7. नमस्कार दोस्तों,
    30/11/11 को अनिल संत द्वारा प्रकाशित माया कालीन टेट मेरिट आधारित प्रशिक्षु शिक्षक नामक 72,825 प्राथमिक शिक्षको के चयन हेतु विज्ञापन प्रारंभ से ही चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। इसके चयन आधार से लेकर चयन प्रक्रिया तक सभी पहलुओ पर अब तक गाँव की चौपाल से लेकर देश की सर्वोच्य अदालत तक चर्चा, बहस, आदेश, निष्कर्ष, सब कुछ हो चूका है फिर भी प्रक्रिया अभी भी अपूर्ण और अनिश्चित है। लाखों बेरोजगार व् उनके परिवार और उन विद्यालयों में शिक्षा पाने वाले अनेकानेक छात्रों का भविष्य आज भी अधर में है। जिसकी प्रमुख बजह सपा सरकार साथ ही इसमें अपनी दावेदारी करने वाले अभ्यर्थी है। एक तरफ जहाँ सपा सरकार का रवैया प्रारंभ से दोषपूर्ण तथा अलोकतांत्रिक रहा है वही दूसरी ऒर प्रक्रिया में सामिल अभ्यर्थियों ने भी बस निज स्वार्थ ही देखा है।
    अब तक आये सभी आदेशों की व्याख्या और कार्य सभी स्वार्थ पूर्ण रहे है और दुःख तब अधिक होता है जब आपका नेतृत्व यह कार्य करता है। जबकि उसकी ये नैतिक जिम्मेदारी है कि सही दिशा में कार्य करे और अंत तक अपनी जिम्मेदारी को बड़ी निष्ठां से निभाए।
    फ़िलहाल जो आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है उसके सम्बन्ध में बस इतना कहूँगा कि अब कोर्ट ने सभी बीएड+टेट पास अभ्यर्थियों के समायोजन का रास्ता खोल दिया है बस आवश्यकता है तो शिक्षामित्रो के संगठन से सीख लेते हुए एक मांग करने की। वो अपात्र होते हुए समायोजित हो रहे है और आप हर तरह से पात्र होते हुए भी खुद बेरोजगार हो तथा एडवोकेट्स और कुछ नेताओ को रोजगार दे रहे हो।
    यहाँ एक बात ऒर स्पस्ट कर दूँ जोकि भ्रम का विषय बनी हुई है कि अब भी भर्ती 72,825पदों के सापेक्ष ही होगी। याद रखिये जब पद निर्धारित हो तब लास्ट कट ऑफ़ मेरिट का निर्धारण भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही हो सकता है। आदेशानुसार अनारक्षित वर्ग की अंतिम कट ऑफ मेरिट 70%(105अंक) तथा आरक्षित वर्ग की अंतिम चयन सीमा 65%(97अंक) है अतः पदों का निर्धारण भी अब प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही होगा।
    आदेश इस प्रक्रिया को 6सप्ताह में पूर्ण करने का है किन्तु सरकार के अब तक के प्रदर्शन से ऐसा हो पाना नामुमकिन है। इसलिए 105 से अधिक के सभी अभ्यर्थी तथा 97से ऊपर के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार पर नियुक्ति का दबाब बनाये। शेष कोर्ट एकत्रित होकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाये।

    जय हिन्द जय टेट जय भारत
    !! सत्यमेव जयते सर्वदा !!

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  8. जब लक्ष्मण मेला पार्क में हम लोगों का अनशन धरना प्रदर्शन चल रहा था तो एकडमिक वालों ने बहुत मजाक उड़ाया था और कहते थे कि मामला अभी कोर्ट में चल रहा है तो धरना क्यों, सरकार का अधिकार है वो चाहे जैसे भर्ती करे।
    अब मैं उनसे पूछना चाहता हूँ क्या सरकार सही थी? क्या आज सरकार सही है?
    मैं संवेदनशील व्यक्ति हूँ, कल हुए लाठीचार्ज का कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ,इस ठंड में निहत्थे लोगों पर लाठीचार्ज करना बिल्कुल भी उचित नहीं ठहराया जा सकता।
    मैं एक बार फिर से कह रहा हूँ सभी टेट पास मित्रों एक मंच पर आ जाओ, सरकार से कोई उम्मीद न रखो, इस सरकार ने हर एक कदम पर टेट पास लोगों को सिर्फ बाटने का काम किया है। फूट डालो राज करो यही सरकार की नीति रही है। आज सभी नियम कानून यहाँ तक कि शिक्षा के अधिकार कानून को भी दरकिनार करते हुए शिक्षा मित्रों का समायोजन किया गया यह उनकी एकता की वजह से ही संभव हुआ अगर ढाई लाख टेट पास अभ्यर्थी एकजुट हो जाएं तो कोई भी सरकार हो उसको हमारी बात माननी ही होगी।
    मैं टेट पास सभी गुटों के नेताओं से अपील करता हूँ आपस में आप लोग बात कीजिए एक बड़ा संगठन का निर्माण कीजिए तथा तीन लाख पदों पर अपने लगभग ढाई लाख टेट पास लोगों की नियुक्ति को सुनिश्चित करवाइए। इन तीन लाख पदों पर सबसे पहला हक हम लोगों का ही है। अब टेट बनाम एकडमिक, लो मेरिट बनाम हाई मेरिट जैसे लड़ाई को यहीं समाप्त कर देना चाहिए नहीं तो हम लोग आपस में सिर्फ लड़ते रह जाएंगे और भर्ती किसी और संगठित एकजुट लोगों की हो जाएगी।

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  9. मित्रो !
    एक बात जो की माननीय सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को देखने के पश्चात सामने आ रही है वो ये है की
    १ जब कोर्ट ने 300000 पदों को भरने के लिए कहा है तब गोवेर्मेंट वकील ने ये क्यों नहीं कहा की हम 56000 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बना दिए हैं ......
    कारण : सरकार को भी पता है की ये समायोजन नियम विरूद्व है ....और आज न तो कल ये रद्द ही हो जायेगा
    २.NCTE के वकील ने माना की १००% टेट वेटेज दिया जा सकता है ....तो सरकारी वकील चुप क्यों खड़े रहे ...
    कारण : सरकारी वकील को पता है कि ये सच है और सरकार वकील को सिर्फ बेवकूफ बना रही है
    .
    . दूसरे ये की जूनियर कि कॉन्सिलिंग हुए इतने दिन होने के बाद भी ....तथा धरना ...आमरण अनशन के बाद भी जोइंनिंग लेटर नहीं दे रही है .....
    कारण : सरकार को भी पता है की ये कॉन्सिलिंग नियम विरूद्व है ....और आज न तो कल ये रद्द ही हो जायेगा ..
    .
    .
    अतः मित्रो ! एक बात गांठ बांध ले की जूनियर भर्ती बिना १००% टेट मेरिट के नहीं हो सकती ...
    .
    अब सरकार को सभी २०११ टेट पास लोगो की भर्ती करनी ही पड़ेगी ...
    लेकिन उसके लिए अपने रास्ते के रोड़े शिक्षामित समायोजन को भी माननीय सुप्रीम कोर्ट से रद्द करना पड़ेगा ...
    .
    .
    जय २०११ टेट पास संघ.

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    1. Dost ham apki baat se poori tarh se sahmat h shikshmitra ko sc ki help se bahar hona bahut jaruri h agar sub ko job pani h to.

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    2. Junior bharti canceld. Shiskshamitra bharti canceld. Ab Rajesh ji aap k kahene se hi bhartiya hogi
      Aap hi job paoge or koi nahi. Baat karte ho
      Blog pr aap acha likte hai but hr baar nahi

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  11. मित्रों पिछले तीन दिनों से देख रहा हूँ की सुप्रीम कोर्ट के आये हुए आदेश का श्रेय लेने की होड़ और सभी टेट पास को समायोजन का ठेका एवं मर्सी अपील इत्यादि के साथ नए नए तर्क और कुतर्क के साथ अपनी अपनी दूकान चलाने के फोर्मुले बनाये जा रहे हैं।। मुझे इस बात का आश्चर्य है की जो आज सभी के समयायोजन की बात करते है सिर्फ इसलिए की कुछ राजनीति और कुछ चंदे का धंधा किया जा सके जो वो लोग करते आये हैं। अपनी मर्जी के मुताबिक कर सके तो उनके से केवल कुछ प्रश्न आओ पूछे की 1-क्या आपने कभी इलाहबाद हाई कोर्ट में सिंगल बेंच या डबल बेंच में आपने कभी सभी के समायोजन की बात की थी??? 2-क्या आज तक किसी भी याचिका में आपने सभी के समायोजन 2.70 लाख की बात सुप्रीम कोर्ट में कही थी??? 3- क्या कभी आपने सार्वजनिक मंच पर सभी के हित में आवाज उठाई थी या कभी पोस्ट की थी??? अगर इन प्रश्नों का उत्तर हाँ में दें कोई नेता तो आप सबूत मांगे अगर नहीं में उत्तर मिले तो पूछना की आपको अब कोण सा समाज सेवा का भूत चढ़ गया है। आप समझ सकते हैं उनके उत्तरों के माध्यम से की उनकी क्या मंशा हैमित्रों ने कर्ज लेकर ये केस लड़ा है कियोंकि मित्रों हम सब बेरोजगार है इतने स्वार्थी और स्वयंभू नेताओं से लड़ना और सरकार को हराने के लिए हम रात दिन मेहनत किये हैं जब तक करते रहेंगे जब तक 83 वाला आरक्षित भाई एव 90 सामन्य का भाई नोकरी पर नहीं लग जाता । कियोंकि केवल हमारी याचिका सबके समायोजन की है एक और बात --++++++++++++ सुप्रीम कोर्ट ने न तो NCTE को HRD न 1981 नियमावली न 12 न 15 संशोधन को माना है आज केवल कौर्ट के सामने हमारे प्रश्न दौड़ रहे हैं ।।अगर नहीं मानेगी सरकार तो सरकार बर्खास्त होने के लिए कोर्ट में हमसे मिल ले वादा है गरीबो के लिए संघर्ष भीषण होगा

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    1. Bhai ap Jo bhi ho hame apka naam nhi pta agar ap ese sabhi ko sak ki najar se dekho ge to kabhi kisi par bharosa hi nhi kar paoge jis jagah ap ho ussi jagah sabhi tet neta bhi h kisi ke pass government ki tarh alag se adviser to nhi Jo har matar par pehale se plan kar ke rakhe ap kahna kya chahate ki sirf ap sare world me imandar ho or sab beiman h samaj seva karne vale kya kahi se special peda hote h.

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  12. आवश्यक सूचना...................
    सभी टेट मेरिट सर्पोटर(काउन्सिलड ,नान काउन्सिलड,Gen70%&other reserve catogary65%,and below %)आप सभी लोगो को अवगत (सूचित)किया जाता है कि सभी टेट 2011पास के समयोजन को लेकर अग्रिम कार्य योजना के निर्णमाण एव अन्य समास्याओ को लेकर 29-12-2014 दिन सोमवार को बारादरी पार्क निकट कैसरबाग बस स्टाप लखन ऊ मे 11 बजे प्रातः एक अति आवश्यक मीटिग का आयोजन किया जा रहा है अतः आप सभी लोग सादर आमन्त्रित है

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  13. Ab to netao ko apna swarth tyag kar team leader ki tarah karya karna chahiye kyoki isme sabhi bhai , bahan ka chayan nischit hai .kyoki supreamcourt bhi ab hamare taraf rukh kiya hai kewal netao ko vakil ke madhyam se court ko samayojan ka baat rakhana chahiye
    Jai maata di

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  14. Rajesh ji I am agree to you.
    bina maange to bhikh bhi nahi Milati , Fir ye to apne adhikar ki baat hai.
    Sarkar SM ko avaidh tarike se Niyukati dene me lagi hai,apne vote bank ke liye Are socho agar humari aakho ke saamne galat ho raha hai , sahi (ham TET. pass) ki jagha galat(SM) ko niyukti di jaa rahi hai fir bhi ye sab educated log Manmohan. bane baithe hai.
    Academic wale and 2012 ya bad ke Bed or TET pass candidates hamara TET merit ka virodh kar rahe the and govt ko support kar rahe the agar we log SM ko hatane and Rikt pado par Niyukti ki maang karte to sarkar par Charo or se dabav banta and ab tak 2011/2012 ke sabhi TET pass candidates ka selection ho jata.Lekin yaha to apne swarth ke liye Bhai Bhai ko maar raha hai.
    Logo ko unka adhikaar paane ke liye jagana padta hai .

    JAGO. JAGO JAGO
    JAI HIND JAI TET.

    MIL KE CHALO.

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  15. 2012 ke advertise me 70% ya 65 % se uppar wale 2011 TET counseling ki mang kar sakte hai ya nahi sujhaw de plz.

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  16. Abe dattu don tu phir aa gaya sir me dard karne.bahut joote padenge tere dubaara blog pe agar dikha bewakoof.abe tera naam kaisa hai dattu don.kya matlab hai iska be chutiye

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  17. S.c.be government ko theek Marne ke liye ye decision diya hai.an na hi vote milega na hi right.yani voting right abhi chheen liya.rahi baat samayojan ki to an keval tet waale samayojit hoge shikshamitra nahi

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