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Wednesday, April 13, 2016

 1% एक्साइज़ ड्यूटी, सोने पर काला धन के खेल को रोकने का कदम, जेटली ने कहा की जब लोहा , स्टील, सीमेंट इत्यादि पर उत्पाद शुल्क है, तो सोने जैसे लक्सरी आइटम पर होने से क्या दिक्कत

 1% एक्साइज़ ड्यूटी, सोने पर काला धन के खेल को रोकने का कदम, जेटली ने कहा की जब लोहा , स्टील, सीमेंट इत्यादि पर उत्पाद शुल्क है, तो सोने जैसे लक्सरी आइटम पर होने से क्या दिक्कत

  LATEST NEWS : ARUN JAITLY SAID WHEN EXCISE DUTY IMPOSED ON IRON , STEEL, JUTE, CEMENT etc is imposed.
Then there is no reason why a luxery item like Gold should be kept out of ambit of a manufacturing tax.

क्या आप जानते है सरकार 1% एक्साइज़ ड्यूटी लगाने पर क्यों अड़ी हुई है ?? पूरा विश्लेषण

पुरे देश के 10 ज्वैलर जिनका नाम और टर्नओवर इस प्रकार है :

राजेश एक्सपोर्ट 30000 करोड़
मालाबार गोल्ड 12000 करोड़
भीमा ज्वेलर्स 8000 करोड़
त्रिभुवनदास भीमजी 1385 करोड़
सैनको गोल्ड 900 करोड़
कृष्णाह चेटी एंड संस् 600 करोड़
तनिष्क गोल्ड 7000 करोड़

पी सी ज्वेलर्स   5200 करोड़
कल्याण ज्वलेर्स 9400 करोड
गीतांजलि 12400 करोड़
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टोटल =86885 हजार करोड़ रूपये का टर्न ओवर साल का करते है

ये तो सिर्फ 10 कंपनीयो के ही नाम है बाकि की कम्पनियो के नाम जोड़ दे तो आकड़ा बहुत बड़ा होगा ।

सच्चाई ये की सोने चांदी के काम का पूरा हिसाब किताब कोई नही रख सकता है और हिसाब किताब बड़े पैमाने पर हो तो अच्छे अच्छे गणितज्ञ फेल हो जाते है इसलिये बड़ी कम्पनी ने जो टर्नओवर बता दिया उसको फाइनल मान लिया जाता है इनकम टैक्स के छापे में भी ले दे कर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है इसलिये सरकार "एक्साइज़ ड्यूटी" लगाकर सभी प्रकार के हिसाब किताब को समझना चाहती है क्योकि एक्साइज़ ड्यूटी में सारा हिसाब किताब हर आदमी को रखना पड़ेगा और "झूट" नही बोल सकता है क्योकि एक्साइज़ विभाग सभी के अकाउंट का मिलान करता है एक के भी हिसाब किताब में "गड़बड़ी" मिलने पर सभी एक साथ "पकड़े" जाते है

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चुकी ज्वेलरी आभूषण का व्यापार इन बड़ी कम्पनियो की वजह से देश की टोटल अर्थव्यवस्था के आधे के करीब पहुँच चूका है जो सरकार की नजर में डंप उधोग गिना जाता है क्योकि सोना सिर्फ एक बार टैक्स देता जब वो देश में आयात किया जाता है बाद में सोना गहनों के रूप में तिजोरी में ही पड़ा रहता है बाद में खराब होने पर दुबारा बनाना भी पड़ता है तो उसको व्यापारी द्वारा अकाउंट में ग्राहक का सोना बताकर लेबर जॉब के लिये बताकर दर्शाया जाता है जिससे सरकार को कोई भी टैक्स प्राप्त नही होता है।

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पुरे संसार की अर्थव्यस्था का माध्य्म सोना होता है इसलिए काला धन भी सोने के रूप में छुपाया जाता है।और सरकार पर कालाधन बाहर निकालने का दबाव है साथ मे अर्थव्यवस्था के घाटे को भी कम करना चाहती है

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मेरे इन सब जानकारी को बताने का मुख्य् कारण यह है की बड़े पूंजीपति और कालाधन को सोने में डालने के कारण हाथ से काम करने वाले सोनी समाज के सामने आज हड़ताल करने की जरूरत आ गयी है वैसे भी 80% व्यापारियो का सालाना टर्नओवर 12 करोड़ हो ही नहीं सकता है 12 करोड़ टर्नओवर का मतलब 42 किलो सोना साल का यानि महीने का 3.5 kg होता है।

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सराफा व्यापारियों को इस हड़ताल से समर्थन वापस ले लेना चाहिये 1 % एक्साइज़ ड्यूटी देने से बड़े उद्योगों और कालाधन छुपाने वालो का असली चेहरा सामने आ जायेगा।
हो सकता है की एक्साइज़ ड्यूटी लगने से कालाधन और अर्थव्यवस्था का घाटा काबू में आ जाये और सरकार कुछ सालो बाद एक्साइज़ ड्यूटी हटा दे वैसे भी बड़ी कम्पनियो की वजह से आपके ही व्यवसाय की हालत खराब हो ही चुकी है तो क्यों न आप लोग उन बड़े पूंजीपतियो की हालत खराब कर दे ।

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वैसे सुनने में आया है की कल्याण ज्वेलर्स अपना एक शोरूम जोधपुर में खोलने वाला है और डायरेक्ट कस्टमर को 5 वेस्टेज में आभुषण देने का प्लान बना रही है उस समय उस जैसे बड़े पूंजीपति को छोटे सुनारों की प्रॉब्लम से कोई लेना देना नही होगा।

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सोचिये 2 लाख पर पेन कार्ड अनिवार्य की पोर्बलम का छोटे व्यापारियो पर असर हुआ नहीं ना । पेनकार्ड वाली पोर्बलम भी बड़े पूंजीपतियो को ही हुई थी उनका कारोबार 30%घट गया था पर छोटे व्यापारियों काम चल रहा था। वैसे भी सरकार छोटे व्यापारियो को हिसाब किताब रखने में छूट दे ही रही है तो हमे सिर्फ ये ही चिंता सता रही की अगले साल सरकार छोटे व्यापारियो को भी हिसाब किताब देने का बोल सकती है तो हम उस समय हड़ताल करेंगे ।
अगर आप ये सोचते है की उस समय बड़े पूंजीपति आपका साथ नहीं देंगे तो ये आपकी गलतफहमी होगी क्योकि पुरे स्वर्णाभूषण के व्यसाय में बड़े पूंजीपति सिर्फ 10% ही है और आपका 90% ।

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इन लोगो को अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए आपका सहयोग चाहिए ।

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क्या सराफा समाज इतना छोटा हे की सरकार तक अपनी आवाज़ नहीं पंहुचा सकते? अपना हक मांगने की आजादी नहीं हे क्या? सिर्फ बड़े पूंजीपति जो बोलेंगे आप वो ही करेंगे? आज ये हड़ताल भी आप लोगो की वजह से ही चल रही है। हड़ताल खत्म होने के बाद ये बड़े पूंजीपति आपके ही सामने खड़े हो जायेंगे और आप लोग फिर अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेंगे !



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